प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओबीसी समुदाय से हैं।


 "Prime minister belongs to the OBC community. "

-BJP spoke person SAHJAD PUNAWALA has said on india today show.


अब मेरे कुछ सवाल-

(1) यह उत्तर प्रदेश चुनाव के समय ही क्यों याद आया?

(2) मोदी जी तो राष्ट्र पर भरोसा करते हैं, जाति और समुदाय पर नहीं। फिर ऐसी क्या मजबूरी है कि भाजपा के प्रवक्ता प्रधानमंत्री का समुदाय बता रहे हैं?

(3) अगर वोट बटोरने के लिए प्रधानमंत्री को अपना समुदाय बेचना पड़ रहा है, तो फिर कैसे होगा 'सबका साथ, सबका विकास? और कैसे मिल पाएगा सबका विश्वास' ?

(4) अगर प्रधानमंत्री ओबीसी समुदाय से आते भी हैं, तो जब जातिगत जनगणना के मुद्दे उठाए गए, तो सरकार ने इसको टालने की कोशिश क्यों की? 

(5) जब देश की आबादी का आधा हिस्सा ओबीसी समुदाय ही है( 1931 की जनगणना के अनुसार) और प्रधानमंत्री को भी ओबीसी समुदाय का हिमायती बताया जा रहा है; तो सरकार जातिगत जनगणना कराने से क्यों मुकर रही है ?

(6) प्रधानमंत्री के ओबीसी समुदाय से होने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी पर 'सवर्णों की पार्टी' होने का आरोप क्यों लगता है?

(7) वर्ण व्यवस्था के अनुसार ओबीसी समुदाय को शूद्रों में गिना जाता है। इसलिए ओबीसी समुदाय का अधिकांश हिस्सा वर्ण व्यवस्था के विरोध में है। भारतीय जनता पार्टी भगवाधारी होने का दिखावा हमेशा से करती आई है। यानी कि भारतीय जनता पार्टी हमेशा हिंदुत्व के मुद्दे के साथ रही है। जाहिर सी बात है कि यह पार्टी वर्ण व्यवस्था की घोर समर्थक है। ऐसे में एक तरफ सवर्णों को साधने का प्रयास और दूसरी तरफ ओबीसी वोट बैंक को भी अपनी तरफ खींचने की कोशिश क्या भारतीय जनता पार्टी की दोहरी मानसिकता को नहीं दर्शाता है?

(8) वर्ण व्यवस्था को मानने वाली पार्टी संविधान पर भरोसा कैसे कर लेती है? कुछ लोग संविधान को बदलने की आवाज भी उठाने लगे हैं। क्या संविधान को मानना भारतीय जनता पार्टी की मजबूरी बन गई है? नहीं तो वर्ण व्यवस्था के घोर समर्थक योगी आदित्यनाथ दलित के घर खाना कैसे खाते ? क्या उनके समुदाय के नाराज होने की आशंका नहीं थी उन्हें? और अगर खा भी लिया तो इतने मीडिया कवरेज की क्या आवश्यकता थी?

(9) क्या भारतीय जनता पार्टी को यह डर सताने लगा है कि उत्तर प्रदेश चुनाव में हिंदुत्व का मुद्दा ही काफी नहीं होगा? इसलिए दलितों और ओबीसी समुदाय के वोट बैंक को अपनी तरफ खींचने के लिए कुछ इमोशनल ब्लैकमेलिंग करनी होगी ? 

(10) यदि ओबीसी वोट बैंक को साधने के लिए प्रधानमंत्री का समुदाय बताया जा रहा है और प्रधानमंत्री वाकई ओबीसी समुदाय के हिमायती रहे हैं तो ओबीसी आरक्षण 27% से ज्यादा क्यों नहीं बढ़ाया जा रहा है? कई भाजपा शासित राज्यों में इसे सीमित करने का भी प्रयास क्यों किया गया है?

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