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Showing posts from May, 2022

राजधानी का बिगड़ता माहौल सांप्रदायिक सौहार्द के लिए चुनौती।

16 अप्रैल को दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हुई हिंसा ने देश के सांप्रदायिक सौहार्द पर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया है। प्रश्न उठता है कि देश में हिंदू मुस्लिम एकता क्या नाम मात्र की रह गई है? या फिर यह वास्तव में है, और कुछ संगठनों द्वारा जानबूझकर इसको तोड़ने की कोशिश की जा रही है? जो भी हो लेकिन तथ्य यह है कि देश में सब जगह सब कुछ सही नहीं चल रहा है। मध्य प्रदेश से लेकर तमिलनाडु तक सभी जगह सांप्रदायिक हिंसा की खबरें आई हैं। इस बीच 16 अप्रैल को दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में दो समुदायों के बीच हुई झड़प अब बहुत ही संवेदनशील मुद्दा बन गया है। 16 अप्रैल के तीन-चार दिनों बाद तक मामला नियंत्रित होता दिख रहा था, लेकिन उत्तरी दिल्ली नगर निगम की 20 अप्रैल को अतिक्रमण के खिलाफ की गई कार्रवाई ने एक बार फिर से मामले में गहमागहमी ला दी है।  यहाँ पर उत्तरी दिल्ली नगर निगम पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। जब पूरे देश में माहौल सांप्रदायिक हो रहा है तब ऐसी स्थिति में उस स्थान पर जहाँ 4 दिन पहले सांप्रदायिक झड़प और हिंसा हुई थी क्या उत्तरी दिल्ली नगर निगम को इस तरह की अंधाधुन्ध कार्यवाही करनी चा

नई विश्व व्यवस्था में बदलाव की सुगबुगाहट

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे  विवाद ने अब युद्ध का रूप ले लिया है। इसी के साथ नई विश्व व्यवस्था की सुगबुगाहट भी प्रारंभ होने लगी है। दिसंबर 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद पूरे विश्व के सामने अमेरिका एक नई शक्ति के रूप में उभरा था। एक लंबे समय तक विश्व पर अमेरिका का आधिपत्य भी रहा। लेकिन अब विश्व के कई देश अमेरिका के इस आधिपत्य को नकारने लगे हैं। इसी का नतीजा है यूक्रेन रूस विवाद। 1949 में बने NATO (Non Atlantic treetiy Organization) समूह में अब तक यूरोप के 30 देशों को शामिल किया जा चुका है, लेकिन लंबे समय तक अमेरिका के पूरे विश्व में आधिपत्य होने के बावजूद यूक्रेन को नाटो की सदस्यता ना दिला पाना उसकी कमजोरी को प्रदर्शित करता है। दूसरे विश्व युद्ध में जब दुनिया दो धड़ों में विभाजित हो गई थी उस समय भी अमेरिका ने अपनी शाख बचाए रखी थी। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जापान के हिरोशिमा और नागासाकी में अमेरिका द्वारा किए गए बम विस्फोट उसे विश्व शक्ति के रूप में प्रदर्शित करने लगे थे। वर्ष 1991 में जब सोवियत संघ का विघटन हुआ, उससे पूर्व ईराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन के कुवैत पर हमला करने पर अमे